पीएम पोषण योजना घोटाला: एसआईटी को सौंपी गई जांच, करोड़ों की हेराफेरी में अफसरों पर गाज।
देहरादून —: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM Poshan Yojana) के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। शिक्षा विभाग के देहरादून स्थित पीएम पोषण प्रकोष्ठ में करीब 3.18 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार ने मामले की जांच अब एसआईटी (विशेष जांच दल) को सौंप दी है।
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ऐसे खुला घोटाला
शिक्षा विभाग में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर शासन ने जांच कराई। अपर शिक्षा निदेशक (गढ़वाल मंडल) की अध्यक्षता में बनी समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी। रिपोर्ट में पाया गया कि बिना जांच और सत्यापन के ऑनलाइन माध्यम से सरकारी धन को अलग-अलग खातों में स्थानांतरित किया गया।
दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी
जांच रिपोर्ट में छह जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ बेसिक) और एक उपनल कर्मचारी को दोषी ठहराया गया है। आरोप है कि इनकी लापरवाही और मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। शासन ने मामले में कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री ने दिया बयान
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे एसआईटी को सौंपा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गड़बड़ी करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
अन्य खुलास
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- गड़बड़ी का सिलसिला वित्तीय वर्ष 2022–23 से चल रहा था।
- शिक्षा विभाग के खाते से करोड़ों रुपये की राशि गायब पाई गई।
- प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि निर्माणाधीन भवनों के पास से रिसने वाला पानी और गलत तरीके से हुए ट्रांजेक्शन घोटाले का हिस्सा हैं।
भविष्य के लिए सख्ती
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- शासन ने निर्देश दिए हैं कि आगे से वित्तीय और गोपनीय कार्य केवल स्थायी और जिम्मेदार कर्मचारियों को ही सौंपे जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।