164 लोग एयरलिफ्ट, कई अब भी लापता; खराब मौसम और बंद रास्तों से राहत दलों की चुनौती बढ़ी।
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उत्तरकाशी -: उत्तराखंड के धराली–हरसिल क्षेत्र में बादल फटने के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। धराली गांव मलबे में दब गया है, जबकि गंगा नदी के किनारे बसे अन्य गांवों पर भी खतरा मंडरा रहा है। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं और सैकड़ों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
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खीरगाड़ (खीर गंगा) नदी से आए मलबे और पत्थरों के कारण गंगा किनारे झील जैसी संरचना बन गई है। इससे पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने एहतियातन आसपास के गांवों को खाली करवाकर लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया है।
राहत और बचाव कार्य में भारतीय सेना, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें जुटी हैं। खराब मौसम, भूस्खलन से बंद रास्ते और टूटी संचार व्यवस्था बचाव कार्यों में बाधा डाल रही है। फिर भी, अब तक लगभग 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 164 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। बचाव में ड्रोन, रेस्क्यू डॉग, सैटेलाइट फोन और भारी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है।
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बीआरओ ने तीन दिनों के भीतर सड़क संपर्क बहाल करने का लक्ष्य रखा है, साथ ही नए पुल का निर्माण भी जल्द शुरू किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की आपदाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पहाड़ों में असुरक्षित विकास कार्य भी अहम वजह हैं।
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प्रशासन ने चेतावनी दी है कि मौसम में सुधार से पहले खतरा टला नहीं है।