सरकार ने बढ़ाई अवधि, देर करने पर लगेगा जुर्माना; विधानसभा में पेश होगा विधेयक।
देहरादून —: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) में बड़ा संशोधन किया है। अब विवाह पंजीकरण के लिए पहले तय 6 माह की जगह पूरे एक साल का समय मिलेगा। यदि इस अवधि में पंजीकरण नहीं कराया गया, तो संबंधित पक्षों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने जुलाई में ही इस संबंध में अध्यादेश लागू किया था, जिसे अब विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।
पहले क्या था प्रावधान
- फरवरी 2024 में पारित और जनवरी 2025 से लागू UCC के तहत, विवाह का पंजीकरण 6 माह के भीतर करना अनिवार्य था।
- समयसीमा चूकने पर संबंधित व्यक्ति पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या 3 माह तक की सजा का प्रावधान था।
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नया संशोधन
- अब विवाह पंजीकरण के लिए एक वर्ष की अवधि तय की गई है।
- इस अवधि के बाद भी पंजीकरण न कराने पर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई होगी।
- इसके साथ ही अपील की प्रक्रिया, फीस, तथा दस्तावेज़ों में त्रुटि सुधार जैसी व्यवस्थाओं को भी अधिनियम में शामिल किया गया है।
अब तक के आँकड़े
- जनवरी 2025 से लागू UCC के बाद से अब तक प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक पंजीकरण हुए हैं, जिनमें करीब 1.4 लाख विवाह और 178 तलाक शामिल हैं। वहीं, अनिवार्य की गई लिव-इन रिलेशनशिप के तहत केवल 28 पंजीकरण दर्ज हुए हैं।
आगे की राह
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यह संशोधन अध्यादेश के रूप में लागू है और जल्द ही विधानसभा में पारित कर इसे स्थायी रूप से कानून का हिस्सा बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे आम नागरिकों को पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने में अधिक समय और सुविधा मिलेगी, वहीं समयसीमा पार करने पर कठोर जुर्माने से भी बचा नहीं जा सकेगा।