राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के तहत बन रही ग्रीन बिल्डिंग विवादों के घेरे में आ चुकी है, ठेका कम्पनी को जिला अधिकारी का नोटिस ज़ारी।
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क्या है मामला
देहरादून में स्मार्ट सिटी के तहत बन रही ग्रीन बिल्डिंग अब विवादों के घेरे में घिर चुकी है, 180 करोड़ की लागत से बन रही इस बिल्डिंग का निर्माण पिछले ढाई वर्षों से चल रहा है लेकिन फिर भी अभी तक केवल 25 फ़ीसदी ही कार्य हो पाया है।
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कार्य की इतनी धीमी गति से न केवल अधिकारी बल्कि जिला अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं जिला अधिकारी ने अपनी नाराज़गी जताते हुए ठेका कम्पनी को नोटिस ज़ारी किया है
क्या ख़ास है ग्रीन बिल्डिंग में
दरअसल राजधानी में बन रही यह पहली ऐसी बिल्डिंग होगी जहाँ 70 से ज़्यादा विभागों के दफ़्तर एक ही छत के नीचे होंगे साथ ही अनुमानित 600 से भी ज़्यादा कार की पार्किंग इस बिल्डिंग में होगी।
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कब तक बन कर तैयार होगी
राजधानी में निर्माणाधीन इस बिल्डिंग का कार्य पिछले ढाई साल से चल रहा है, इस बिल्डिंग ने अक्टूबर 2025 तक बनकर तैयार होना था लेकिन पिछले ढाई साल से चल रहे बिल्डिंग के कार्य में अभी तक केवल 25 फ़ीसदी ही कार्य हो पाया है इस हिसाब से बिल्डिंग अक्टूबर 2025 तक तैयार होती दूर दूर तक नहीं दिखाई देती।
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क्यों विवादों के घेरे में घिरी ग्रीन बिल्डिंग
ग्रीन बिल्डिंग की ठेका कम्पनी ने अपनी मनमाने ढंग से निर्माण कर लिया, दरअसल ग्रीन बिल्डिंग की पार्किंग के लिए सिंगल बेसमेंट की परमिशन मिली थी जिसमें ठेका कम्पनी ने अपनी मनमानी करते हुए डबल बेसमेंट खोद डाली। इसपर खनन विभाग ने ठेका कम्पनी पर जुर्माना लगाया है।
साथ ही ठेका कम्पनी को पहले से ही साफ़ निर्देश थे कि कम्पनी साइट पर न तो हॉट मिक्सर प्लांट और न ही आरएमसी प्लांट लगाया जाएगा। लेकिन पहले कंपनी ने प्लांट लगाया और प्रशासन ने उसे बंद भी करा दिया, हैरानी की बात यह है कि अब उसी प्लांट को दोबारा लगाने की अनुमति मांगी जा रही है।