पौड़ी गढ़वाल -: धराली आपदा की मार झेल रहे राज्य को अब पौड़ी गढ़वाल जिले से एक और दिल दहलाने वाली खबर मिली है। बुधवार 6 अगस्त 2025 को थलीसैंण और पाबौ विकासखंड में बादल फटने की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाबौ ब्लॉक के सैंजी, पज्याणा, और जैंती चैक गांवों में बादल फटने से 4-5 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई मवेशियों के मलबे में दबने की खबर है। वहीं थलीसैंण ब्लॉक के चौथान क्षेत्र, खासकर सारसों चौथान गांव में भारी बारिश के बीच आई इस आपदा ने नेपाली मजदूरों के टेंट को चपेट में ले लिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, टेंट में ठहरे 3 से 4 नेपाली मजदूर मलबे में दब गए थे, जिन्हें ग्रामीणों ने बहादुरी से बचा लिया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें गांव के स्कूल भवन में ठहराया गया है। कुछ मजदूरों को गंभीर चोटें भी आई हैं, और राहत एवं बचाव कार्य अभी भी जारी है। कुछ लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
सरकारी प्रतिक्रिया और राहत कार्य
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, जिसमें जन-धन की भारी हानि की आशंका जताई जा रही है।
उन्होंने बताया कि पाबौं ब्लॉक के सैंजी गांव और थलीसैंण के बांकुड़ा एवं जैंती गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी को तुरंत राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दे दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थलों पर तैनात हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
स्थिति अब भी गंभीर
क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर उफान पर है और सड़क संपर्क बाधित हो चुका है। कुछ गांवों से संपर्क टूट गया है, जिससे बचाव दलों को पहुंचने में कठिनाई आ रही है।
स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीण स्वयंसेवक राहत कार्यों में लगे हुए हैं। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए भेजा गया है और लापता लोगों की तलाश जारी है।
घटना स्थल की तस्वीरें | Hiwanlikanthi
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2 thoughts on “उत्तरकाशी के बाद पौड़ी में बरसा कुदरत का कहर”
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