देवभूमि में पैर पसारते अपराधियों को पुलिस की चेतावनी

देवभूमि में पैर पसारते अपराधियों को पुलिस की चेतावनी

देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड राज्य शान्ति, धार्मिक, आस्था और पर्यटन के विख्यात देवभूमि कुछ समय से अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बना हुआ था, लेकिन उत्तराखण्ड पुलिस ने अपराधियों को सुनिश्चित कर दिया है कि अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख़्शा नहीं जाएगा। कुछ महीनों से राज्य पुलिस अपराधियों पर कार्यवाही कर रही है, जो कि अपराधियों के लिए संकेत है कि अपराधी कोई भी हो बचेगा नहीं।

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खासकर देहरादून, हरिद्वार व उधमसिंह नगर पुलिस अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। रोहित नेगी को गोली मारने का आरोपित अजहर त्यागी चार-पांच साल पहले देहरादून पढ़ने के लिए आया था। धीरे-धीरे वह आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ शामिल हो गया।

अजहर के घर पर उसके तीन भाई हैं, जिनमें एक विदेश में रहता, जबकि दो दुकान चलाते हैं। ऐसे में उसे पैसे की कभी कमी नहीं हुई। पढ़ाई के दौरान ही उसकी मेरठ की रहने वाली आन्या खान से मुलाकात हुई और दोनों एक-दूसरे के नजदीक आ गए। कुछ समय से आन्या आयुष के संपर्क में थी, जोकि अजहर को रास नहीं आया। वह लगातार आन्या का पीछा करने लगा। वह किससे मिलती, किसके साथ घूमती, इन सबकी जानकारी वह रखने लगा। घटना वाली रात भी उसे पहले से ही पता था कि आन्या किसके साथ पार्टी कर रही है। रात को रोहित को गोली मारने के बाद वह रुड़की के रास्ते कलियर और वहां से गाजियाबाद भाग गया।

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लगातार पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। उसे यह भी सूचना थी कि पुलिस उसके घर तक पहुंच चुकी है, ऐसे में वह घर जाने के बजाये गांव के बाहर-बाहर दोस्तों से मिल रहा था और उनसे खर्चे के लिए रुपये मांग रहा था।

 

लगातार आपराधिक घटनाओं में शामिल रहने के चलते मोहम्मद अजहर को यह समझ आ गई थी कि पुलिस से किस तरह से बचना है। इसलिए उसने मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। वह रास्ते में किसी से भी फोन लेकर स्नैपचेट या इंटरनेट कालिंग के जरिये अपने दोस्तों से बातचीत कर रहा था और पुलिस की मूवमेंट के बारे में जानकारी जुटा रहा था।

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