घर से निकले तीन दिन बाद हरिद्वार पहुँचे, होटल के कमरे में मिला जला हुआ शव।
हरिद्वार —: गुरुवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने सबको हिला दिया। नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित होटल सिग्नेचर के कमरे में आग लगने से राजस्थान के नागौर निवासी 25 वर्षीय मोहित कासनिया की मौत हो गई। मोहित सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) में अवर अभियंता के पद पर तैनात थे और हाल ही में मानसिक तनाव से जूझ रहे थे।
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“सत्य की खोज में जाना है” कहकर निकला था घर से
परिवार के मुताबिक, मोहित 26 अगस्त को घर से निकले थे। उस समय उन्होंने अपने पिता से कहा था—“मुझे सत्य की खोज में जाना है।” इसके बाद से ही वे लापता हो गए थे। परिजन उनकी तलाश कर रहे थे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
28 अगस्त को वे हरिद्वार पहुँचे और होटल सिग्नेचर के कमरे नंबर 403 में चेक-इन किया। होटल रजिस्टर में उन्होंने अपना और पिता का मोबाइल नंबर दर्ज कराया था।
कमरे से उठता धुआँ और मौत का मंजर
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करीब दोपहर 2 बजे होटल स्टाफ ने कमरे से धुआँ निकलते देखा। जब दरवाज़ा खटखटाया गया तो कोई जवाब नहीं मिला। सूचना पर पुलिस पहुँची और दरवाज़ा तोड़कर अंदर दाखिल हुई।
अंदर का मंजर भयावह था—मोहित पूरी तरह जल चुके थे और उनकी मौत हो चुकी थी।आत्महत्या की आशंका, पुलिस कर रही जाँच
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद था और घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है।
हालाँकि पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि कहीं इसके पीछे मानसिक तनाव, व्यक्तिगत कारण या कोई और पहलू तो नहीं।परिवार की पृष्ठभूमि
मोहित का परिवार शिक्षा और सामाजिक रूप से सुदृढ़ है। उनके पिता कैलाश कासनिया सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य हैं और छोटा भाई मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।
परिजन बताते हैं कि मोहित पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थे और अजीब बातें किया करते थे।रहस्य बने कई सवाल
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यह हादसा कई सवाल छोड़ गया है—
- आखिर किस कारण से मोहित ने अपनी जान दे दी?
- “सत्य की खोज” कहने के पीछे उनका क्या आशय था?
- क्या यह केवल मानसिक तनाव का परिणाम था या कोई और वजह भी है?
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
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