बादल फटने से दंपति लापता, कई मवेशी मलबे में दबे।
चमोली —: शुक्रवार देर रात आसमान से आफ़त टूटी। देवाल ब्लॉक के एक गाँव में भीषण बादल फटने से घर और गौशालाएँ मलबे में दब गईं। इस आपदा ने ग्रामीणों के बीच अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया है।
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दंपति लापता, एक दंपति घायल
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस घटना में गाँव के निवासी तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हो गए हैं। ग्रामीणों और राहत टीमों द्वारा उनकी खोजबीन की जा रही है, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है।
वहीं, एक अन्य दंपति विक्रम सिंह और उनकी पत्नी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है।
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मवेशियों और संपत्ति को भारी नुकसान
गाँव के लोगों ने बताया कि मूसलाधार बारिश के साथ आए मलबे में करीब 15 से 20 मवेशी दबकर मर गए। यह मवेशी ग्रामीणों की आजीविका का अहम हिस्सा थे, जिससे उनका बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। घर और गौशालाएँ पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं, जिससे प्रभावित परिवारों के पास रहने तक की व्यवस्था नहीं बची है।
ग्रामीणों में डर और दहशत
आपदा के बाद से गाँव के लोगों में डर का माहौल है। लगातार बारिश और पहाड़ी ढलानों से गिरता मलबा लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने पर मजबूर कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई जगह खेत भी बह गए हैं और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।
राहत और बचाव कार्य
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ और राजस्व विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचीं। मलबे में दबे लोगों और पशुओं की तलाश की जा रही है। प्रशासन ने आसपास के गाँवों में भी अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों से ऊँचाई वाले सुरक्षित इलाकों में शरण लेने की अपील की है।
जिला प्रशासन ने बताया कि राहत शिविर बनाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, नुकसान का विस्तृत आकलन कर प्रभावितों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
आपदा ने फिर जगाई चिंता
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चमोली ज़िला पहले भी प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ रही बारिश और बादल फटने की घटनाएँ इस इलाके की नाज़ुक भौगोलिक स्थिति पर सवाल खड़े कर रही हैं। यहाँ के ग्रामीण हर बरसात में असुरक्षा और भय के बीच जीने को मजबूर हैं।