slot 1000 togel online slot toto toto slot mahjong ways agen gacor toto slot gacor agen gacor situs toto Sv388 slot pulsa agen slot apo388 sv388 slot toto slot deposit 1000
महिला शिक्षिकाओं ने लगाए गढ़वाल विश्वविद्यालय के निदेशक पर उत्पीड़न का आरोप -

महिला शिक्षिकाओं ने लगाए गढ़वाल विश्वविद्यालय के निदेशक पर उत्पीड़न का आरोप

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय महिला शिक्षिकाओं ने लगाए गम्भीर आरोप 

यह ख़बर पढ़ें – एस टी एफ की साईबर ठगों पर कार्यवाही

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र में महिला शिक्षिकाओं के उत्पीड़न का मामला लगातार गर्मी पकड़ता जा रहा है। केंद्र निदेशक डॉ. सुधांशु जायसवाल पर दो महिला शिक्षिकाओं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमिता और कैमरापर्सन डॉ. अरुणा रौथाण ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें मानसिक प्रताड़ना, अभद्र व्यवहार, पीछा करने और शारीरिक दुर्व्यवहार जैसी बातें शामिल हैं।

डॉ• अमिता ने क्या आरोप लगाया

डॉ. अमिता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने नियमानुसार कुलपति से छुट्टी स्वीकृत कराकर निदेशक को सूचना दी थी, इसके बावजूद उनके पांच दिन की छुट्टी पर 15 दिन का वेतन काट दिया गया। इतना ही नहीं, उनके अनुसार उन्हें लगातार अपमानित किया गया और एक मौके पर केंद्र निदेशक ने उनका पीछा किया, जिसके वीडियो साक्ष्य मौजूद हैं।

यह ख़बर पढ़ें – उत्तरकाशी में पिकअप हुई दुर्घटना का शिकार, दो की मौत

डॉ• अरुणा ने क्या आरोप लगाया 

डॉ. अरुणा रौथाण ने शिकायत में कहा है कि उन्हें धक्का दिया गया, उनके स्कूटी पर किसी को बैठाकर लाने जैसी सामान्य बातों को लेकर टिप्पणियां की गईं और कई बार उन्हें मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने केंद्र निदेशक पर कार्यालय में अराजकता और पद के दुरुपयोग के भी आरोप लगाए हैं।

 

इन शिकायतों के सार्वजनिक होने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में रोष फैल गया है। कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी, सामाजिक कार्यकर्ता भुवन पाठक, छात्रा प्रतिनिधि प्रियंका खत्री, नंदिनी आर्य, आरवाईए के अतुल सती और एआईडीएसओ की रेशमा पंवार सहित कई प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय कुलपति से मिलकर दोषी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

 

कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने स्पष्ट कहा कि यह केवल दो महिला शिक्षकों का मामला नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय की कार्यसंस्कृति, महिला सम्मान और पूरे शैक्षणिक तंत्र की साख से जुड़ा मसला है। अगर ऐसे व्यक्ति को पद पर बने रहने दिया जाता है, तो यह पूरे तंत्र पर एक गंभीर धब्बा होगा।

यह ख़बर पढ़ें – देहरादून हत्याकांड के आरोपी के साथ पुलिस की मुठभेड़

कुलपति ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि मामले की आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हो चुकी है और सोमवार तक रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब वीडियो साक्ष्य और लिखित शिकायतें पहले ही मौजूद थीं, तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक चुप्पी क्यों साधे रखी?

 

यह चुप्पी न केवल पीड़ितों को और अधिक मानसिक पीड़ा देती है, बल्कि यह प्रशासन की संवेदनशीलता और निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करती है। अब जब मामला सार्वजनिक हो चुका है और महिला सुरक्षा पर समाज में जागरूकता बढ़ रही है, तो विश्वविद्यालय प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि दोषी पाए जाने पर डॉ. सुधांशु जायसवाल को तत्काल पद से हटाया जाए।

One thought on “महिला शिक्षिकाओं ने लगाए गढ़वाल विश्वविद्यालय के निदेशक पर उत्पीड़न का आरोप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top