चार दिवसीय सत्र में विधायकों ने दायर किए 545 प्रश्न, भारी बारिश और भूस्खलन के बीच प्रशासन के सामने चुनौती, भराड़ीसैंण में होगा मानसून सत्र।
देहरादून —: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त तक भराड़ीसैंण में आयोजित होगा। इस बार सत्र में आपदा प्रबंधन और पुनर्वास से जुड़े मुद्दे प्रमुख रूप से गूंजेंगे। विधानसभा सचिवालय को अब तक विधायकों की ओर से कुल 545 प्रश्न प्राप्त हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं और पुनर्वास कार्यों से संबंधित है।
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विधानसभा के नियमों के अनुसार, फरवरी में आयोजित बजट सत्र के छह माह के भीतर अगला सत्र बुलाना अनिवार्य होता है। इसी क्रम में मानसून सत्र बुलाया गया है। इस बार का सत्र प्रशासन और सरकार दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा, क्योंकि भारी बारिश और भूस्खलन के चलते भराड़ीसैंण तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
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सूत्रों के अनुसार, विपक्ष इस सत्र में आपदा राहत कार्यों में लापरवाही, भ्रष्टाचार के आरोप, रोजगार, और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है। वहीं, सरकार का फोकस आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किए गए राहत कार्यों और विकास योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर होगा।
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बारिश और सड़क अवरोधों के बीच भराड़ीसैंण में सत्र का सुचारू संचालन प्रशासन के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। ऐसे में चार दिनों का यह सत्र न केवल राजनीतिक दृष्टि से, बल्कि प्रशासनिक कसौटी पर भी अहम साबित होने वाला है।