slot 1000 togel online slot toto toto slot mahjong ways agen gacor toto slot gacor agen gacor situs toto Sv388 slot pulsa agen slot apo388 sv388 slot toto slot deposit 1000
अल्मोड़ा में पाकिस्तानी जासूसी का मामला, आरोपी गिरफ़्तार -

अल्मोड़ा में पाकिस्तानी जासूसी का मामला, आरोपी गिरफ़्तार

डीआरडीओ गेस्ट हाउस का संविदा प्रबंधक महेंद्र प्रसाद 12 अगस्त को गिरफ्तार, सेना और मिसाइल परीक्षणों की जानकारी लीक करने के आरोप।

उत्तराखण्ड की वीरांगना जिसने मात्र 15 वर्ष की आयु में दुश्मनों को चटाई धूल, पढ़ें वीरांगना तीलु रौतेली की जीवनी।

अल्मोड़ा —: राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना ब्लॉक निवासी महेंद्र प्रसाद को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 32 वर्षीय महेंद्र राजस्थान के जैसलमेर स्थित डीआरडीओ गेस्ट हाउस में संविदा प्रबंधक के रूप में कार्यरत था।

यह ख़बर पढ़ें – स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने दिया जनता को तोहफ़ा

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, महेंद्र पर आरोप है कि वह डीआरडीओ वैज्ञानिकों की गतिविधियों, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे और फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहे मिसाइल व हथियार परीक्षणों की जानकारी लीक कर रहा था। बताया जा रहा है कि ये जानकारियां वह सोशल मीडिया के माध्यम से और एक विशेष फोन का इस्तेमाल कर भेजता था, जो संभवतः आईएसआई से मिला था।

यह ख़बर पढ़ें – अपहरण मामले के बीच लटकी मतगणना, 18 को होगी मतगणना

स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते 12 अगस्त को महेंद्र को गिरफ्तार किया गया। कई खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में उसे ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 के तहत हिरासत में लिया गया। जांच में उसके मोबाइल से संवेदनशील जानकारियां भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं।

पूछताछ में महेंद्र ने कबूला कि करीब पांच साल पहले उसे एक व्यक्ति ने डीआरडीओ का कर्नल बनकर संपर्क किया था, जो अब आईएसआई एजेंट होने की आशंका है। हालांकि, अब तक किसी वित्तीय लेन-देन का सबूत नहीं मिला है।

यह ख़बर पढ़ें – राज्यपाल ने दिए अलर्ट रहने के आदेश, मानसून एक चुनौती

महेंद्र के परिवार को, जो उसके साथ गेस्ट हाउस में रह रहा था, अल्मोड़ा भेज दिया गया है। इस घटना की खबर गांव में फैलते ही लोगों में हैरानी और आक्रोश का माहौल है। सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं और लोग इस नेटवर्क से जुड़े तो नहीं हैं और कितनी गोपनीय जानकारी लीक हुई है।

यह ख़बर पढ़ें – धराली में दोबारा तबाही की चेतावनी, मुहाने पर 15 फिट मलबा

यह मामला रक्षा प्रतिष्ठानों में आंतरिक सुरक्षा खतरे (इंसाइडर थ्रेट) पर गंभीर सवाल खड़े करता है और संवेदनशील संस्थानों में कार्यरत कर्मियों की सख्त निगरानी की जरूरत को रेखांकित करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top