राजधानी में पाले जा रहे खूंखार कुत्ते न कोई लाइसेंस न कोई नियम कानून, आस पड़ोस के लिए बन रहे ख़तरा।
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देहरादून -: दून में खुलेआम पाले जा रहे खूंखार कुत्तों की दहशत आमजन में जरूर है, लेकिन शासन इससे बेखौफ है। प्रदेश में सभी प्रकार के कुत्तों के पालन के लिए समान नियम हैं और नगर निगम की जिम्मेदारी महज पंजीकरण तक सिमटी है।
निकाय उपविधि के अनुसार पंजीकरण के लिए टीकाकरण और नसबंदी अनिवार्य है। इसके अलावा खूंखार कुत्तों के जानलेवा हमला करने पर भी निगम कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकते। इसके लिए प्रदेश में शासन की ओर से न तो कभी कोई मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई और न ही अपने नियम बनाए गए।
बीते वर्ष केंद्र सरकार की ओर से 23 खतरनाक प्रजाति के कुत्तों पर प्रतिबंध की एडवाइजरी जारी होने के बाद भी उत्तराखंड में कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ। हालांकि, इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अपने ही आदेश को स्थगित कर दिया गया था।
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दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से 12 मार्च 2024 को जारी 23 खतरनाक नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने कोई अलग शासनादेश या नया निर्देश जारी कर लागू नहीं किया। हालांकि स्थानीय निकायों और प्रशासन की ओर से इस पर कुछ कदम उठाए गए हैं।
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